कहानी एक जैसी, पहले अफवाह उड़ती है, फिर भीड़ पीट-पीटकर मार डालती है; आरोपी पकड़ में आते हैं, जमानत पर छूट जाते हैं - Viral News

Breaking

Home Top Ad

Friday, April 24, 2020

कहानी एक जैसी, पहले अफवाह उड़ती है, फिर भीड़ पीट-पीटकर मार डालती है; आरोपी पकड़ में आते हैं, जमानत पर छूट जाते हैं

मॉब लिंचिंग। इस शब्द की चर्चा इसलिए, क्योंकि पिछले दिनों महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। इस मामले में 9 नाबालिगों समेत 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मॉब लिंचिंग शब्द पिछले 4-5 सालों से जब तक सुनने में आ जाता है। लेकिन, इसका इतिहास आजादी जितना पुराना है। 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ और भारत-पाकिस्तान दो अलग-अलग मुल्क बने, तब पहली बार मॉब लिंचिंग कहलाने वाली हिंसा का जन्म हुआ।
वह वक्त था जब कभी एक समुदाय की भीड़ दूसरे समुदाय के लोगों को मारती। तो कभी, भीड़ लोगों की जान लेती। इसके बाद 1984 के सिख दंगे, 2002 के गुजरात दंगे और हाल ही में दिल्ली में भड़की हिंसा। देखा जाए तो इन सभी के दौरान मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं।
पिछले 5-6 सालों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार देने की घटनाएं बेहद डरावनी होती गई हैं। कभी बच्चा चोरी तो कभी घर के किचन में बीफ रखे होने की अफवाह पर। बातें कहीं से शुरू होती हैं, आग की तरह गांव-मोहल्लों में फैल जाती हैं। फिर भड़काई भीड़ किसी व्यक्ति की जान ले लेती है। पुलिस कार्रवाई करती है, मामला दर्ज होता है और गिरफ्तारियां भी। अदालत के भीतर केस चलते हैं और आरोपी बाहर घूमते हैं।
कम से कम पिछले 5 साल में मॉब लिंचिंग के 5 सबसे डरावने और चर्चित केस में तो यही हुआ।

1) मोहम्मद अखलाक

क्या हुआ था : शाम को अफवाह फैली कि अखलाक और उसके परिवार ने गौमांस (बीफ) खाया है। इसके बाद 100 के करीब लोग रात 10 बजे अखलाक के घर पहुंच गए। उस समय अखलाक का परिवार सोने जा चुका था। भीड़ ने घर का दरवाजा तोड़ दिया और अखलाक और उसके बेटे दानिश को नींद से जगाकर घसीटते हुए घर से बाहर ले आई। भीड़ के हमले में अखलाक की मौत हो गई। जबकि, दानिश बुरी तरह घायल हो गया।
केस का क्या हुआ: 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके मुख्य आरोपी विशाल और शिवम हैं। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं और मामला ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
2) पहलू खान

क्या हुआ था : 55 साल के पहलू खान अपने दो बेटों समेत अन्य चार लोगों के साथ राजस्थान के जयपुर से गाय खरीदकर लौट रहे थे। तभी अलवर में भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, पहलू खान ने भीड़ को बताया भी था कि, वे दूध के लिए गाय खरीद रहे हैं। इस घटना के दो दिन बाद यानी 3 अप्रैल को पहलू खान ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। इस हमले में उनके बेटे और अन्य भी जख्मी हो गए थे।
केस का क्या हुआ : इस मामले के 6 आरोपियों को अगस्त 2019 में अलवर की निचली अदालत ने बरी कर दिया था। 13 मार्च 2020 को इस मामले से जुड़े दो नाबालिगों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल के लिए सुधार गृह भेजने का फैसला दिया था।
3) डीसीपी मोहम्मद अयूब पंडित

क्या हुआ था : श्रीनगर की जामा मस्जिद के बाहर तैनात डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। हत्या के बाद उनके शव को पास ही के एक नाले में फेंक दिया था। घटना के वक्त डीएसपी पंडित पुलिस वर्दी में नहीं थे। मस्जिद के बाहर खड़े लोगों का आरोप था कि डीएसपी पंडित मस्जिद के बाहर तस्वीरें खींच रहे थे।
केस कहां पहुंचा : डीएसपी पंडित की हत्या की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। अभी तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस हमले के मास्टरमाइंड हिजबुलआतंकी साजिद अहमद गिल्कर को पुलिस ने 12 जुलाई 2017 को ही एनकाउंटर में मार दिया था।
4) सुबोध कुमार सिंह

क्या हुआ था : बुलंदशहर के महाव गांव के निवासियों का कहना था कि उनके खेत में करीब एक दर्जन गाय के कंकाल मिले हैं। इस खबर के फैलते ही आसपास के गांव वाले भी इकट्ठे हो गए। कुछ देर में 300 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हाईवे के चिंगरावठी थाने को घेर लिया। भीड़ से फायरिंग भी हो रही थी। एक गोली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भी लगी। इसके साथ ही सुबोध कुमार सिंह पर एक शख्स ने कुल्हाड़ी से भी हमला किया था। अस्पताल ले जाने से पहले ही इंस्पेक्टर सुबोध की मौत हो गई।
केस का क्या हुआ : इस मामले में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 5 लोगों को सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बनाया गया है। 38 में से 6 आरोपी साढ़े 7 महीने की सजा काटकर जमानत पर रिहा होकर 25 अगस्त 2019 को बाहर आ गए। 32 अभी भी जेल में हैं।
5) तबरेज अंसारी

क्या हुआ था : राजधानी रांची से 130 किमी दूर सराईकेला-खरसांवा जिले के धातकीडीह गांव में भीड़ ने चोरी का आरोप लगाते हुए तबरेज अंसारी की पिटाई की। अगले दिन 18 जून को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस दौरान तबीयत खराब होने से 22 जून को तबरेज की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें तबरेज की खंभे से बांधकर पिटाई की जा रही थी और उससे जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए जा रहे थे।
केस का क्या हुआ : पिछले साल 18 सितंबर को 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ। 10 दिसंबर को इनमें से 6 आरोपियों को जमानत मिल गई। फिलहाल, मुख्य आरोपी समेत 5 आरोपी जेल में हैं।
इनपुट - आदित्य तिवारी, विष्णु शर्मा, ओम प्रताप सिंह।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The story is similar, first the rumor flies, then the mob is beaten to death; Accused gets caught, released on bail


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VUTca2

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages